अमेरिकी विदेश मंत्री ने हिंदुस्तान से महत्त्वपूर्ण बातें कहीं. उनका दृष्टिकोण पारदर्शी था और उन्होंने विश्वास के साथ संवाद की.
पश्चिमी देशों का समर्थन करें या फिर रूस-यूक्रेन युद्ध में भाग लें
यह एक महत्वपूर्ण समय है, और हमारे लिए बहुत बड़ा निर्णय लेना होगा. क्या हम रूस-यूक्रेन युद्ध में भाग लें? यह सवाल हर व्यक्ति को परेशान कर रहा है. देशहिंद महासागर देश में क्या होगा यह हम सबको पता नहीं है, लेकिन हमें यह तय करना होगा कि हम किस पक्ष का समर्थन करेंगे.
भारत पर अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है
एक नज़र डालें इस विषय पर तो स्पष्ट है कि उस देश की नीति भारत के के साथ बदल रही है। कई कारणों से ऐसा get more info लग रहा है कि अमरीका का भारत पर दबाव बढ़ रहा है।
यह देखा है कि अमेरिका ने कई बार भारत को एक निश्चित नीतियों का पालन करने के लिए कहा है। यह दबाव भारत के लिए काफी जटिल हो सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अमेरिका और भारत का बड़ा स्थान है, लेकिन यह एक-दूसरे के साथ संबंधों में संघर्ष भी ला सकता है।
युद्ध में भारत का क्या स्थान?
विश्व युद्धों के इतिहास में भारत की स्थिति एक विवादित विषय रही है। कुछ कहते हैं कि भारत ने सदाचार से युद्धों को देखा, जबकि अन्य का मानना है कि भारत ने प्रत्यक्षतः युद्धों में भाग लिया। इतिहासकारों के बीच भी इस बारे में मतभेद हैं कि भारत ने युद्धों में क्या भूमिका निभाई।
- बहुत से लोग मानते हैं कि भारत का युद्ध में देश के विकास से ज्यादा जुड़ाव नहीं था।
- इतिहासकारों यह कहते हैं कि युद्धों ने भारत की सामाजिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाला है।
विश्व की चुनौती
देश भिन्न चुनौती उत्पन्न. लोग इसको काबू करने में कठिनाई का सामना रहे हैं. आजकल|वर्तमान|न्यूनतम} में,वे महत्वपूर्ण है ।
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